यह भी ध्यान देने योग्य है कि ज्येष्ठदेव की पुस्तक ' ' युक्तिभाषा '' में नीलकंठ की पुस्तक '' तंत्र संग्रह '' पर टिप्पणियां तो हैं ही इसके अलावा उसमें ग्रहीय सिद्धांत की भी व्याख्या है जिसे टाइको व्राहे ने बहुत बाद में अपनाया ; इसके अलावा परवर्ती यूरोपीय विद्वानों द्वारा कल्पित गणित की भी उन्होंने पूर्व में व्याख्या की थी।